कलिंगा विश्वविद्यालय ने दिनांक 04 जून 2025 को अपने परिसर में छात्रों के लिए एक दिवसीय मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एम.बी.ए.) कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के 160 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जो छात्रों के लिए एक मार्गदर्शक बन गया।(Kalinga University MBA program)
सभी विद्यार्थियों का तिलक लगाकर सभागार में स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। एस्पायरिंग लीडर्स के लिए आयोजित इस प्रभावशाली सत्र के मुख्य वक्ता- नैसकॉम के मध्य भारत के क्षेत्रीय प्रमुख श्री श्रीनु के., हीरा ग्रुप की सहायक महाप्रबंधक (सी.एस.आर) सुश्री योगिता रावत और बैंक असिस्ट इंडिया के संस्थापक श्री गौरव खरे थे। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने नौकरी के अवसरों के लिए एमबीए के महत्व पर प्रकाश डाला।(Kalinga University MBA program)
कैरियर एवं कॉर्पोरेट रिसोर्स सेंटर (सी.सी.आर.सी.) के निदेशक श्री पंकज तिवारी ने प्रतिभागियों के साथ एक संवादात्मक सत्र में चर्चा की कि किस प्रकार स्वयं को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाए तथा एक लीडर की तरह सोचना शुरू किया जाए। उनका सत्र इस बात पर केंद्रित था कि नेतृत्व से क्या हासिल किया जा सकता है और एमबीए किस प्रकार उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
सी.सी.आर.सी. के प्रबंधक श्री सौरभ बनवार ने एक लघु गतिविधि-आधारित सत्र में यह विचार व्यक्त किया कि प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है। श्री श्रीनू के. ने भविष्य के कौशल और उसके महत्व पर एक सत्र लिया। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने कलिंगा विश्वविद्यालय के बारे में परिचय प्रस्तुत किया।
सुश्री योगिता रावत ने अपने सत्र के दौरान छात्रों को सलाह दी। उन्होंने अपने सीवी को अपडेट करने, खुद के प्रति ईमानदार रहने, प्रवेश स्तर की नौकरियों के लिए तैयारी करने और धीरे-धीरे कौशल में सुधार करने, अवसरों को प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया, उन्होंने मार्गदर्शन किया कि छात्रों को कार्यस्थल में डर पर काबू पाने का अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि कोई भी कार्य महत्वहीन नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी को अपने दिमाग में बर्फ की फैक्ट्री, दिल में स्टील की फैक्ट्री और जुबान में चीनी की फैक्ट्री रखनी चाहिए, दूसरों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए और चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने त्वरित निर्णय लेने पर भी जोर दिया, क्योंकि इससे कार्यस्थल पर लाभ होगा। उन्होंने कई प्रतिभाओं को विकसित करने और विभिन्न दृष्टिकोणों से स्थितियों पर विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री गौरव खरे ने अपने संबोधन में कुशल और दूरदर्शी होने, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए कौशल विकसित करने और उन्हें वास्तविक जीवन में लागू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।